News

बागेश्वर धाम महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का जीवन परिचय – Dhirendra Krishna Shastri Wikipedia in Hindi

Bageshwar Dham Sarkar Dhirendra Krishna Shastri Wikipedia in Hindi (धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का जीवन परिचय): बागेश्वर धाम पर बाला जी महाराज का दरबार लगता है। इस धाम का कार्यभार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री संभालते हैं। इसलिए इन्हें बागेश्वर महाराज और बालाजी महाराज के राम से भी जाना जाता है। लोग धीरेंद्र कृष्ण को हनुमान जी का अवतार मानते हैं।

बागेश्वर धाम के बहुत सारे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है, जिससे लोगों में बागेश्वर धाम के प्रति श्रद्धा बढ़ती जा रही है। हनुमान जी का ये मंदिर कई वर्षों पुराना है और धीरेन्द्र कृष्ण की पिछली 3-4 पीढ़ियां इस मंदिर में पूजारी रही है। धीरेन्द्र कृष्ण जी के दादा जी ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था। इस दरबार में काफी सालों से विशाल दरबार लगता है और लाखों की संख्या में यहां श्रद्धालु आते है।

धीरेन्द्र कृष्ण 2003 से इस दरबार को संभाल रहें है। इन्होंने 9 वर्ष के उम्र में हनुमान जी की पूजा करनी शुरू कर दी थी। इन्होंने आज तक अपने सभी कर्तव्यों का पालन किया है जैसे इनके पूर्वज करते आए है। इन्होंने अपने प्रवचनों से श्रद्धालु की श्रद्धा को और ज्यादा मजबूत किया है। चलिए जानते हैं कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कौन है?

धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की जीवनी – Dhirendra Krishna Shastri Biography in Hindi

धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गड़ा नामक गांव में हुआ। उनके पिता का नाम राम करपाल गर्ग और माता का नाम सरोज गर्ग है। इन्होंने अपने बचपन गड़ा गांव में ही बिताया है। इन्होंने अपने जीवन में सबसे पहले अपने दादा से सीखना शुरू किया था, जिनका नाम भगवान दास गर्ग था। इन्होंने ही धीरेन्द्र को रामायण और भागवत गीता पढ़ना सीखाया। धीरेन्द्र का परिवार गरीब था।

बागेश्वर धाम श्री धीरेंद्र कृष्ण महाराज परिवार में सबसे बड़े बेटे हैं। उनके दो भाई और एक बहन है। लोग धीरेन्द्र कृष्ण को महाराज बागेश्वर धाम के नाम से तथा चमत्कारी महाराज के नाम से भी जानते हैं। वर्तमान समय में धीरेंद्र कृष्ण महाराज बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश में ही अपना दरबार लगाते हैं तथा लोगों की समस्या का समाधान करते हैं।

धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का प्रारंभिक जीवन

धीरेन्द्र कृष्ण ने गांव के सरकारी स्कूल से 8वीं कक्षा पास की। लेकिन सरकारी स्कूल आठवीं तक ही था। इसलिए उन्हें 5 किलोमीटर दूर गंज नामक गांव में शिक्षा ग्रहण करने जाना पड़ता था। धीरेन्द्र कृष्ण हमेशा पैदल स्कूल जाते थे। लेकिन ये कभी-कभी ही स्कूल जाते थे। एक महीने में लगभग 5-6 बार ही स्कूल जाते थे। धीरेन्द्र कृष्ण ने 12 साल की उम्र में ही प्रवचन देने शुरू कर दिया था। वे अपने दिन का सर्वाधिक समय हनुमान जी की साधना में लगाते थे। इसी के परिणामस्वरूप इन्हें कई सिद्धियां प्राप्त हुई है।

गंज गांव के स्कूल में धीरेन्द्र कृष्ण ने 12वीं पास की और बाद में इन्होंने स्नातक स्तर की पढ़ाई करनी चाही। लेकिन रेगुलर पढ़ाई करना मुश्किल था, इसलिए इन्होंने अपनी पढ़ाई प्राइवेट करने की सोची। इन्होंने अपना दाखिला बी ए में करवा लिया, लेकिन वे कॉलेज नहीं जाते थे। इसलिए इन्होंने प्राइवेट ही स्नातक स्तर की पढ़ाई की।

आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए धीरेन्द्र कृष्ण ने अपने परिवार का पालन पोषण भिक्षा मांगकर किया था। ये पंडित थे इसलिए भिक्षा मांगना इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी। आज धीरेन्द्र कृष्ण के पास सब कुछ होते हुए भी ये भिक्षा मांगकर खाते है।धीरेन्द्र कृष्ण परिवार के सबसे बड़े बेटे थे। इनके दो भाई और एक बहन है।

बड़े होने के कारण परिवार की सारी जिम्मेदारी इन पर ही थी। इनके पिता बहुत कम काम करते थे। इसलिए इनको ही आगे बढ़कर काम करना पड़ता था। बाद में इन्होंने सत्यनारायण भगवान की कथा सुनना शुरू कर दिया। इससे इनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगा। दादा जी बालाजी का दरबार लगाते थे और मंदिर में बहुत सारा चढ़ावा आता था लेकिन इन्होंने कभी भी इन पैसों का उपयोग घर खर्च के लिए नहीं किया।

धीरेन्द्र कृष्ण ने अपना ध्यान ईश्वर भक्ति में लगाया रखा और इसी के बदौलत इनके पास आज बहुत बड़ा दरबार लगता है। लोगों की इनके प्रति बहुत आस्था है। आज ये भव्य भंडारा लगाते है, गरीबों के बच्चों के विवाह करवाते है और नि:शुल्क भोजन करवाते है। इन्होंने अपने चमत्कारों और प्रवचनों से बहुत लोकप्रियता अर्जित की है और श्रद्धालुओं में श्रद्धा बढ़ती जा रही है। आज बहुत भीड़ यहां आती है और बालाजी का भव्य दरबार लगता है। धीरेन्द्र कृष्ण ने हाल ही में गरीब कन्याओं 50-60 विवाह करवाए है। इन विवाहों का सारा खर्चा ये स्वयं उठाते है।

धीरेन्द्र शास्त्री की शिक्षा

धीरेन्द्र कृष्ण ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। लेकिन बड़ी कक्षा में आने के बाद उन्हें गांव से 5 किलोमीटर दूर एक सरकारी स्कूल में पढ़ने जाना पड़ा। इसके बाद उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया और वहां से बीए कंप्लीट की।

लेकिन पढ़ाई में ज्यादा मन ना लगने के कारण उन्होंने अपने दादाजी से महाभारत, रामायण, भागवत कथा और पुराण महाकाव्य की शिक्षा ली और दरबार लगाना शुरू किया। जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने हनुमान जी की साधना करनी शुरू कर दी और कम उम्र में ही सिद्धि प्राप्त कर ली।

धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के गुरू

धीरेन्द्र कृष्ण का जिस परिवार में जन्म हुआ था। वो बागेश्वर धाम को काफी माना करते थे। उनके दादाजी बागेश्वर धाम में ही रहा करते थे। यहीं पर उनके दादाजी गुरू सन्यासी बाबा की समाधि भी मौजूद है। सन्यासी बाबा भी इनके वंश के थे। जिन्होंने करीबन 320 साल पहले समाधि ली थी।

धीरेन्द्र कृष्ण के दादाजी बहुत समय से बागेश्वर धाम में दरबार लगाया करते थे। जिसको देखकर उनके अंदर भी इसकी आस्था जागी और उन्होंने दादाजी के दरबार में अर्जी लगाई। उन्होंने परिवार की हालत देखकर उनसे इससे छुटकारा मांगा। जिसके बाद उनके दादा जी ने उन्हें अपना शिष्य बना लिया। वहीं से उन्होंने इन सिद्धियों की शिक्षा प्राप्त की और बाग्शेवर धाम की सेवा करनी शुरू कर दी।

बागेश्वर धाम क्या है

बागेश्वर धाम एक हनुमान जी का मंदिर है जो मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गड़ा में मौजूद है। यह वही गांव है, जहां धीरेन्द्र कृष्ण का जन्म हुआ था। यहीं पर उनके दादाजी ने समाधि भी ली थी। दुनियाभर के लोग यहां आते हैं और अपने नाम की अर्जी लगाते हैं। यहां पर मंगलवार के अलावा कभी और अर्जी नहीं लगाई जाती। मंगलवार का दिन अर्जी के लिए इसे चुना गया है क्योंकि ये दिन हनुमान जी का दिन होता है।

Dhirendra Krishna Shastri Wikipedia in Hindi

जो लोग भी यहां आकर अर्जी लगाते हैं वो एक नारियल को लाल कपड़े में बांधकर जरूर लाते हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर जो कोई भी इस नारियल को उस मंदिर में बांधकर जाता है उनकी मनोकामना जरूरत पूर्ण होती है। जिसके कारण लाखों लोग यहां मंगलवार को नारियल बांधने आते हैं। यहीं पर लगता है महाराज धीरेन्द्र कृष्ण का भव्य दरबार। जहां आकर लोग अपनी समस्या का समाधान पाते हैं।

धीरेन्द्र कृष्ण बने कथावाचक

धीरेन्द्र कृष्ण बचपन से ही गरीबी में पले बड़े हैं। उन्हें कई चीजे पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है। जिसके कारण वो एक ऐसा जरिया ढ़ूंढना चाहते थे। जिससे उनके परिवार की गरीबी दूर हो सके। इसलिए उन्होंने आगे बढ़कर काम करना शुरू किया। उसके बाद वो सत्यनारायण भगवान की कथा सुनाने लगे। जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगा। जिसके बाद वो जगह-जगह जाकर कथावाचन करने लगे।

धीरेन्द्र कृष्ण कैसे बने पीठाधीश्वर

धीरेन्द्र कृष्ण अपने दादाजी के साथ बागेश्वर धाम में गद्दी लगाते थे। लेकिन दादाजी के समाधि लेने के बाद वो ही एक अकेले थे जो उसे संभाल सकते थे। इसलिए उन्हें वहां का पीठाधीश्वर बना दिया गया। अब वही यहां का सारा कार्यभार देखते हैं। हर मंगलवार को वो ही यहां पर हनुमान जी की आराध्ना और लोगों के संकट दूर करते हैं।

धीरेन्द्र कृष्ण के चमत्कार

धीरेन्द्र कृष्ण एक कथावाचक हैं। वो बागेश्वर धाम में मंगलवार को अपनी गद्दी लगाते हैं। वो लोगों को ये बताते हैं कि, जिस परेशानी में आप हैं उससे कैसे छुटकारा पाया जाए। लेकिन लोगों ने उनके लिए धारणा बनाई है कि वो बिना बताए लोगों के मन की बात जानकर उसका समाधान कर देते हैं जो कि सच है। जिसके कारण लोग उन्हें चमत्कारी बाबा भी कहने लगे हैं।

लाखों लोग उनके पास जाकर अपनी परेशानी बताकर उनका हल जानते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भी यहां हाजरी लगाता है वो कभी खाली हाथ वापस नहीं लौटता है। ये हाजरी एक पर्ची के द्वारा लगाई जाती है। जिसपर भक्त सिर्फ अपना नाम लिखता है और बॉक्स में इस पर्ची को डाल देता है। जिसके बाद पर्ची निकाली जाती है और उसे बुलाया जाता है। महाराज उसके बारे में नाम पढ़कर ही सब बता देते हैं।

धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर विवाद

धीरेन्द्र कृष्ण पर कई लोगों ने अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है। अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ एक कैंपेन देखने को मिला। जिसमें उनके विरोध में बाते लिखी गई और लोगों को बताया गया कि वो उनकी भावना के साथ कैसे खिलवाड़ कर रहे हैं। ये आरोप नागपुर की एक संस्था द्वारा लगाया गया है। जिन्होंने उनपर आरोप लगाया है उनका नाम है श्याम मानव।

श्याम मानव संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के सदस्य हैं। उन्होंने धीरेन्द्र कृष्ण को चुनौती दी है कि वह नागपुर आकर अपना चमत्कार दिखाएं। उन्होंने कहा कि अगर धीरेन्द्र कृष्ण ऐसा करने में सफल हो जाते हैं तो उन्हें 30 लाख रूपये का इनाम दिया जाएगा। लेकिन धीरेन्द्र कृष्ण ने उनकी चुनौती को स्वीकार नहीं किया है।

धीरेन्द्र कृष्ण का विवाद पर बयान

धीरेन्द्र कृष्ण का विवाद पर बयान जारी करते हुए कहा है कि हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार। इसका मतलब ये है कि वह बोलता ही है जिसमें कुछ करने का दम नहीं होता। हम सालों से बोल रहे हैं कि हम चमत्कारी नहीं हैं, ना ही कोई गुरू हैं। हम सिर्फ बागेश्वर धाम सरकार बालाजी के सेवक हैं। अगर कोई हमें चुनौती दे रहा है तो वो खुद यहां आकर हमारे काम को देख सकता है। हम अपनी जगह छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले।

बागेश्वर धाम कैसे जाएं

बागेश्वर धाम मध्यप्रदेश में एक बहुत ही महत्वपूर्ण पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है। यहां पर श्री हनुमान जी महाराज का एक और स्वरूप श्री बागेश्वर धाम बालाजी महाराज का एक पवित्र स्थल है। अगर आप ट्रेन से बागेश्वर धाम जाना चाहते है तो बागेश्वर धाम का सबसे नजदीकी और बड़ा रेलवे स्टेशन खजुराहो रेलवे स्टेशन है, जो बागेश्वर धाम से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। बागेश्वर धाम अभी तक सीधे रेल मार्ग से जुड़ा नहीं है इसलिए हमें मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध स्थान खजुराहो के लिए ट्रेन पकडनी पड़ेगी।

अगर आप बस से जाना चाहते हो तो आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि बागेश्वर धाम सरकार एक छोटे-से गांव में स्थित है, जिसकी वजह से मध्य प्रदेश के भी सभी शहरों से बस द्वारा बागेश्वर धाम नहीं पहुंचा जा सकता है। आपको खजुराहो के लिए अपने शहर से बस पकड़ सकते हैं। खजुराहो से बागेश्वर धाम जाने लिए आपको ऑटो वगेरह आसानी से मिल जाएगी।

धीरेन्द्र कृष्ण को मिला सम्मान

बागेश्वर धाम के महाराज धीरेन्द्र कृष्ण 1 जून से 15 जून तक ब्रिटेन के भ्रमण पर थे। जब वे लंदन पहुंचे तो एयरपोर्ट पर धीरेंद्र कृष्ण का बहुत सुंदर तरीके से स्वागत किया गया। इन्होंने लंदन और लेस्टर शहर में जाकर श्रीमद्भागवत कथा और हनुमत कथा का वाचन किया। ब्रिटिश संसद द्वारा इन्हें 14 जून को तीन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

ये तीन पुरस्कार है- संत शिरोमणि, वर्ल्ड बुक ऑफ लंदन और वर्ल्ड बुक ऑफ यूरोप। भारत के लिए यह बहुत गौरव की बात है। जब धीरेन्द्र कृष्ण को ये पुरस्कार दिए गए तब ब्रिटिश संसद में जय श्री राम की प्रबल ध्वनि गूंज उठी।

धीरेन्द्र कृष्ण का नेटवर्थ

धीरेन्द्र कृष्ण काफी गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। लेकिन आजकल वे काफी पैसे कमा रहे हैं। उनके प्रतिदिन की कमाई 8 हजार रूपये है। वहीं प्रतिमाह वो 3.5 लाख रूपये कमा लेते हैं। जिसके चलते उनका नेटवर्थ करीब 19.5 करोड़ बताया जाता है।

Related Articles

Back to top button
Ads Blocker Image Powered by Code Help Pro

Ads Blocker Detected!!!

We have detected that you are using extensions to block ads. Please support us by disabling these ads blocker.